Brain Stroke
What is the Meaning of Brain Stroke ?
क्या होता है ब्रेन स्ट्रोक ?
ऐसे बहुत से सवाल हैं जिनकी जानकारी आम जनता को होनी चाहिए.
वैसे तो स्ट्रोक का मुख्य कारण लोगों का असामान्य रक्तचाप, बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल, अत्यधिक सोडियम या नमक का सेवन, ब्लड प्रेशर की अविकसित जानकारी, स्वास्थ्य के साथ लापरवाही और खानपान, सामान्य नींद का न लेना, लगातार मानसिक दबाव और काम, किसी प्रकार की दवाई के साइडइफेक्ट जो शरीर पर अनजाने में रुधिर परिसंचरण या ब्लड सेर्कुलशन में क्लॉटिंग या स्वेलिंग के कारण बिना किसी पूर्व सूचना के स्ट्रोक आने का कारण बन जाता है.
किन्तु एक और बहुत बड़ा कारण वातावरण का अत्यधिक गर्म या ठंडा होना भी हो सकता है, शरीर के तापमान में अचानक बदलाव के विभिन्न कारण की वजह से ब्लड की परिसंचरण (सेर्कुलशन) प्रणाली में अचानक बदलाव से रक्त शिराओं में अचानक सिकुड़ने या फैलने या ब्लड की गांठें (क्लॉटिंग) भी स्ट्रोक का कारण हो सकता है.
जैसे लगातार अत्यधिक गर्म वातावरण में रहने के बाद यदि लोग एकदम चिल्ड पानी पी लेते हैं और फिर वापस उसी गर्म वातावरण में पहुँच कर बार बार अत्यधिक ठन्डे पानी को पीने से शरीर का तापमान अचानक घटता बढ़ता रहता है ऐसी स्थिति में भी मस्तिष्क की ब्लड की अत्यधिक महीन व् नाजुक नलियों या शिराओं में असामान्य तापमान के अचानक बदलाव से इन शिराओं में या तो ब्लड क्लॉट्स बनने की सम्भावना बन जाती है या स्वेलिंग भी आ सकती है जिससे खून के बहाव में अचानक रूकावट से स्ट्रोक होने के चान्सेस 200 % बढ़ जाते हैं.
What is Brain Stroke?
ब्रेन स्ट्रोक: मस्तिष्क में जब किसी ब्लड की शिरा (महीन नाजुक नलियों ) में अचानक ऑक्सीजन या ब्लड की रुकावट (ब्लड क्लॉट या स्वेलिंग के कारण ) आ जाती है तब मष्तिष्क ठीक से काम नहीं कर पाता, और मनुष्य या जीव का शरीर आसामान्य प्रतिकिर्या करने लगता है, तथा उसे दौरे जैसे पड़ने लगते हैं, अधिकतर मरीज को इसके आने का अहसास भी नहीं होता, उसे शरीर में होने वाले बदलाव महसूस तो होते हैं किन्तु वह समझ नहीं पाता, यदि इन स्थियों का पहले से थोड़ा ज्ञान हो तो मरीज को स्ट्रोक से बचाया जा सकता है.
ब्रेन स्ट्रोक आने पर लोग इसे मिर्गी का दौरा समझ लेते हैं, किन्तु मिर्गी के दौरे आने के कारण दूसरे हो सकते हैं तथा मिर्गी के दौरे बार बार आते हैं, वहीँ ब्रेन स्ट्रोक हो सकता है जीवन में पहली बार ही आया हो.
ब्रेन स्ट्रोक से बचा जा सकता है यदि लोग इसके शरीर में आने की सम्भावनाओ को समझ कर पहले से सचेत रहे,और ऐसी स्थिति ही पैदा ना होने दें जिससे स्ट्रोक आने की सम्भावना बढे.
ब्रेन स्ट्रोक किसी भी उम्र में आ सकते हैं इसमें 31 % 20 वर्ष से कम के होते हैं. तथा देश में हर चार मिनट में स्ट्रोक से एक मौत होती है तथा हर 40 सेकेंड में देश में एक स्ट्रोक आ रहा है. हर साल 1.85 लाख लोग स्ट्रोक का शिकार बन जाते हैं.
आजकल एक तो शहरों का तापमान सामान्य से अधिक रहने लगा है साथ ही टेक्नोलॉजी की वजह से चिल्ड पानी की उपलब्धता बढ़ी है तथा ब्रेन के बार बार अचानक ठंडा गर्म होने से स्ट्रोक आने के बहुत से कारणों में से किसी एक के बन जाने की सम्भावना बन जाती हैअब यदि किसी को हाई ब्लड प्रेशर राहता है और उसे इसकी आदत पड़ जाने की वजह से पता ही नहीं की वह पहले से ही खतरे में है, साथ ही वह मसालेदार खाने का शौकीन भी हो तो वह जरुरत से ज्यादा सोडियम ले रहा होगा, ये सभी कारण अत्यधिक गर्मी या सर्दी में स्ट्रोक आने की संभावना को दुगना कर देते हैं
क्या न करें
जैसे 1-अत्यधिक गरमी में बाहर न जाएं अगर जाएं तो पर्याप्त पानी और कपड़ों से साथ निकले तथा अपनी क्षमताओं से अधिक बाहर न रहे.
2- अपने ब्लड प्रेशर पर भी नजर रखें, न ही नमक का अत्यधिक सेवन करें, सोडियम या नमक ब्लड प्रेशर को बढ़ाने में सबसे बड़ा कारण है.
3-ब्लड प्रेशर को बढ़ने में ब्लड कोलेस्ट्रॉल का भी हाथ होता है, इसलिए अपने कोलेस्ट्रॉल का स्तर यदि पता हो तो उसे भी कंट्रोल में रखने के उपाय जरूर करें तथा ऐसे भोजन से बचें जिससे आपके शरीर में बेड कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है.
4- ट्रिग्लिसराइड का बढ़ा होना भी सेहत के लिए अच्छा नहीं है इसलिए इसे कम रखने की कोशिस जरूर करें।
5- यदि आप ब्लड प्रेशर को कम रखने के लिए कोई भी दवाई ले रहे हैं तो उसे नियमित लें तथा उसमें अनियमितताएं न बरतें अचानक बढे ब्लड प्रेशर से मस्तिष्क में क्लॉटिंग या स्त्राव होने के चान्सेस बढ़ जाते हैं तथा आप यदि एक्सट्रीम गर्मी या सर्दी में घर और दवाइयों से दूर हैं तो स्ट्रोक आने की संभावना दस गुना बढ़ जाती है.
6- यदि वातावरण अत्यधिक गर्म हो तो कोई भी दवाई बिना डॉक्टर की सलाह के न लें, क्योकि गर्म माहौल में शरीर में किसी भी अनावश्यक दवाई का बुरा असर बहुत तेजी से रुधित या ब्लड के द्वारा मष्तिष्क में मोजूद तंत्रिकातंत्र पर पड़ता है, और स्ट्रोक के कारणों में मुख्य भूमिका निभाते हैं.
भोजन और स्ट्रोक :-पौष्टिक भोजन चुनना महत्वपूर्ण है क्योंकि सही भोजन स्ट्रोक की संभावना को 80% तक कम कर सकता है. फाइबर, कैलोरी, प्रोटीन, खनिज, विटामिन और वैकल्पिक पोषक तत्वों के सही अनुपात के साथ संतुलित आहार उच्च जोखिम वाले रोगियों में स्ट्रोक और अन्य हृदय रोगों के जोखिम को कम कर सकता है. सोडियम या नमक, संतृप्त वसा और चीनी का सेवन सीमित करने से रक्तचाप के स्तर, कोलेस्ट्रॉल के स्तर और रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है. स्ट्रोक के जोखिम वाले मरीजों को मीट और अंडे की जर्दी को खाने से बचना चाहिए
क्या होते हैं स्ट्रोक के लक्षण:
स्ट्रोक के लक्षण अचानक दिखने लगते हैं यदि इसके विषय में जानकारी न हो तो और भी मुश्किल हो जाता है की क्या होने वाला है.
इसके लक्षणों को आप FAST के नाम से समझ सकते हैं.
F: Face फेस -चेहरा- यदि किसी का फेस अचानक टेढ़ा लगने लगे और स्माइल करने पर अजीब सा लगे तो समझ लें कुछ गड़बड़ है.
A : Arm या बाँह- यदि आपको शक हो तो आप उसे दोनों हाथ उठाने को कहें और देखें उसका कोई हाथ नीचे तो नहीं जा रहा।
S: Speech स्पीच- उनको कुछ बोलने को कहें और देखें क्या वो सामान्य बातचीत कर पा रहे हैं या शब्दों के उच्चारण में अंतर है.
T: टाइम- यदि आपको कुछ अंतर लगे तो समय है तुरंत डॉक्टर या नजदीकी हॉस्पिटल ले जाएं।
साथ ही हीट स्ट्रोक के बारें में भी पढ़ें (लू लगना क्या है)