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Govt Scheme

 सरकारी योजना 


भारत सरकार सभी स्‍तरों पर समय समय पर समाज के विभिन्न वर्ग के लिए कल्‍याण योजनाओं की घोषण करती है। ये योजनाएं केन्‍द्रीय, राज्‍य विशिष्‍ट अथवा केन्‍द्र एवं राज्‍यों के बीच एक संयुक्‍त प्रयास हो सकता है। यहाँ हमने आपको सरकार की अनेक कल्‍याणकारी योजनाओं के बारे में सूचना को  सहज तथा एक स्थान पर उपलब्‍ध कराने का प्रयास किया है

राष्ट्रिय सरकारी योजनाएं  

प्रादेशिक सरकारी योजनाएं 

 

  • मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना
  • निःशुल्क बोरिंग योजना
  • अम्बेडकर विशेष रोजगार योजना
  • मुख्यमंत्री समग्र ग्राम विकास योजना
  • सुकन्‍या समृद्धि योजना 
  • सुभद्रा योजना
  • माझी लाडकी बहीण योजना 
  • मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना ( दिल्ली आप सरकार ) 
  • मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना ( मध्य प्रदेश बीजेपी सरकार )  
  • मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना (उप्र)



मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना : उत्तर प्रदेश 


उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के आर्थिक रूप से कमजोर परिवार की बेटियों के विवाह तथा विधवा/तलाकशुदा महिला के पुनर्विवाह में सहायता करने के लिए उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना की शुरुआत की है। इस योजना के तहत प्रत्येक लाभार्थी युगल के विवाह पर प्रदेश सरकार कुल रु० 51,000/- धनराशि व्यय की जाती है।

क्या है लाभ:
  • इस योजना के अन्तर्गत उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रति युगल रु० 51,000.00 की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है-जिसमें से रु० 35,000.00 कन्या के बैंक खाते में अन्तरित किए जाते हैं|
  • रु० 10,000.00 के वैवाहिक उपहार वर-वधू को विवाह के समय उपलब्ध करवाई जाती है।
  • रु० 6,000.00 विवाह के समारोहपूर्वक आयोजन जैसे- बिजली, पानी, पण्डाल, भोजन आदि की व्यवस्था पर खर्च किए जाते हैं|

क्या है पात्रता   (कौन ले सकता है योजना का फायदा) :

  • उम्र- आवेदक कन्या/ महिला की आयु 18 वर्ष या इससे अधिक और वर की आयु 21 वर्ष या इससे अधिक की होनी चाहिए
  • वर्ग-अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/अन्य पिछडा वर्ग/सामान्य/ अल्पसंख्यक
  • आय-परिवार की वार्षिक आय रु० 2 लाख तक होनी चाहिए
  • मूल निवास-आवेदिका को उत्तर प्रदेश का मूल निवासी होना चाहिए
  • विशेष मानदण्ड-इस योजना का लाभ उन्हीं कन्याओं को दिया जाएगा,जिनका विवाह तय हो गया है व पूर्व में विवाह नहीं किया है
  • वह महिलाएं जिनका कानूनी रूप से तलाक हो गया है वह भी इस योजना का लाभ लेने की पात्र है
  • विधवा महिलाएं भी इस योजना का लाभ लेने की पात्र है
क्या है आवश्यकताएँ
:
  • आधार कार्ड (वर व वधू)
  • कन्या के परिवार का आय प्रमाण पत्र
  • निवास प्रमाण पत्र
  • जाति प्रमाण पत्र (अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/अन्य पिछडा वर्ग की दशा में)
  • वर-वधू की फोटो
  • मोबाइल नंबर
  • बैंक खाता विवरण

कहाँ आवेदन करना होगा : ऑनलाइन आवेदन करें 


आवेदन प्रक्रिया

उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत ऑनलाइन आवेदन करने की प्रक्रिया-

चरण-1 सर्वप्रथम आपको मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना कीआधिकारिक वेबसाइट
https://cmsvy.upsdc.gov.in/index.php पर जाना है


चरण-2 इसके बाद आपके सामने वेबसाइट का होमपेज खुलकर आ जाएगा, वेबसाइट के होमपेज पर “आवेदन करें” के तहत लिंक पर क्लिक करें एवं ई-केवाईसी के लिए वर वधू का आधार कार्ड संख्या व जन्मतिथि भरकर पंजीकृत मोबाइल नम्बर पर प्राप्त ओ०टी०पी० दर्ज कर व कैप्चा कोड भरकर आधार प्रमाणीकरण करें।


चरण-3 अब आपके सामने एक फॉर्म खुलकर आ जाएगा, इस फॉर्म में आपको आवेदक का व्यक्तिगत विवरण, विवाह विवरण, वार्षिक आय का विवरण एवं बैंक विवरण भरें और आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें, इसके बाद स्क्रीन पर दिए गए कैप्चा कोड को दर्ज करें और "SUBMIT"बटन पर क्लिक करें।





नई दिल्ली अगस्त 2024: यूनियन कैबिनेट ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री आवास योजना -शहरी 2.0 को हरी झंडी दे दी.  इस योजना से लगभग एक करोड़ देश के सभी शहरों और केंद्र शासित प्रदेशों में रहने वाले  शहरी गरीबों  व मध्ध्यम वर्ग परिवारों को अपने घर की मरम्मत, रखरखाव, नया निर्माण, नए घर की खरीद में आर्थिक मदद मिलेगी ।  


इस सहायता स्कीम के अनुसार सरकार लगभग 2 .30 लाख करोड़ मकान बनाने, मरम्मत करने, खरीदने आदि में खर्च के लिए आबंटित करेगी।  

इस स्कीम PMAY-U 2.0  के अंतर्गत लगभग 1.18 करोड़ घरों के लिए लोगों को ये सहायता दी जाएगी, जबकि लगभग 85.5 लाख घर अब तक PMAY-U 1.0 स्कीम के अंतर्गत बनाये भी जा चुके हैं.    
PMAY -U केंद्र सरकार के अंतर्गत आने वाली योजनाओं में एक मुख्य योजना है जिसके अंतर्गत शहरी गरीबों व् निम्न वर्ग के लोगो को अपना पक्का घर बनाने के लिए सरकार द्वारा सहायता राशि दी जाती है. 
प्रधानमंत्री की इस सोच को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार लगभग 10 लाख करोड़ खर्च कर रही है .  


इस स्कीम के अंतर्गत वे सभी परिवार जो पैसे से कमजोर है व जिनके पास उनका अपना पक्का घर नहीं है, चाहे वे निम्न वर्ग, मध्ध्यम वर्ग या EWS श्रेणी में आते हैं और जिनकी वार्षिक आय 3 लाख सालाना से काम है इस योजना का लाभ ले सकते हैं.   

EWS  परिवार- जिनकी सालाना आय Rs 0.9  - 3  लाख है 

LIG परिवार- जिनकी सालाना आय Rs 3 - 6 लाख है 

MIG परिवार- जिनकी सालाना आय Rs 6-9  लाख है 

इस स्कीम के अंतर्गत सरकार अत्यंत कम ब्याज दरों (4 %) पर लोगों को ऋण (होम लोन ) उपलब्ध कराती है. 

उदाहरण: लाभार्थी यदि 25 लाख तक के लोन के लिए आवेदन करता है तथा उसके द्वारा लिए जाने वाले मकान की वास्तविक बाजार कीमत 35 लाख के पास होनी चाहिए, क्योकि यह एक लोन या ऋण है,  इसलिए मकान के कागज भी सरकार के पास बैंक में  रखने होंगें। 

इस प्रकार के लोन पर लगभग 4 % ब्याज देना होगा जिसे मूल के साथ  12 वर्षों तक में चुकाया जा सकता है. इस तरह की वित्तीय सहायता पर लगभग 1.8 लाख तक की सब्सिडी भी दी जाएगी । जिसे लाभार्थी अगले 5 वर्षों तक विभिन्न किश्तों में ले सकता है, जिसकी जानकारी लाभार्थी को उसके रजिस्टर्ड फ़ोन नम्बर पर दी जाती रहेगी ।  लाभार्थी अपनी सभी जानकारी लॉगिन करके वेबसाइट पर भी देख सकता है.  

PMAY -शहरी  के अफोर्डेबल हाउसिंग इन पार्टनरशिप (AHP ) खंड के तहत, राज्यों, केंद्रशासित प्रदेशों और शहरों के बीच विभिन्न साझेदारी के तहत बनाए गए घरों के मालिक होने के लिए EWS  लाभार्थियों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।

 निजी परियोजनाओं से घर खरीदने वाले लाभार्थियों को रिडीमेबल हाउसिंग वाउचर दिए जाएंगे। “राज्य/केंद्रशासित प्रदेश/ULB  सभी आवश्यक मानदंडों का अनुपालन करने वाली निजी क्षेत्र की परियोजनाओं को श्वेतसूची में डालेंगे। 

योजना के अनुसार  नवीन निर्माण प्रौद्योगिकियों का उपयोग करने वाली एएचपी परियोजनाओं को टेक्नोलॉजी इनोवेशन ग्रांट (टीआईजी) के रूप में 1000 रुपये प्रति वर्गमीटर/यूनिट की दर से अतिरिक्त अनुदान प्रदान किया जाएगा। 

किफायती किराये के आवास (ARH- अफोर्डेबल रेंटेड हॉउसिंग ) के बारे में, सरकार ने कहा कि यह वर्टिकल कामकाजी महिलाओं/औद्योगिक श्रमिकों/शहरी प्रवासियों/बेघर/निराश्रित/छात्रों और अन्य पात्र लाभार्थियों के लिए पर्याप्त किराये के आवास का निर्माण करेगा।

इसमें कहा गया है, "ARH  उन शहरी निवासियों के लिए किफायती और स्वच्छ रहने की जगह सुनिश्चित करेगा जो अपना घर नहीं चाहते हैं लेकिन उन्हें अल्पावधि के लिए आवास की आवश्यकता है या जिनके पास घर बनाने/खरीदने की वित्तीय क्षमता नहीं है।"

 कहाँ आवेदन करें: ऑनलाइन आवेदन केवल -क्लीक करें 


सरकारी स्वास्थ्य बीमा योजना:


देश में कार्यबल की कुल संख्‍या में लगभग 93 प्रतिशत असंगठित क्षेत्र के कामगार हैं। अधिकांश कामगारों के पास कोई सामाजिक सुरक्षा कवरेज अब भी नहीं है। असंगठित क्षेत्र में कामगारों के लिए एक बड़ी असुरक्षा उनका बार बार बीमार पड़ना तथा उक्‍त कामगारों एवं उनके परिवार के सदस्‍यों की चिकित्‍सा देखभाल तथा उन्‍हें अस्‍पताल में भर्ती करने की जरूरत है। स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाओं में विस्‍तार के बावजूद स्वास्थ्य की मूल सुविधा से अधिकतर कामगार वंचित हैं।

स्‍वास्‍थ्‍य बीमा निर्धन परिवारों को सुरक्षा देने का एक माध्‍यम है, जिससे अधिक व्‍यय के कारण निर्धनता बढ़ती है। निर्धन व्‍यक्ति इसकी लागत या इच्छित लाभ की कमी के कारण स्‍वास्‍थ्‍य बीमा लेने के लिए अनिच्‍छुक होते हैं या सक्षम नहीं होते हैं। स्‍वास्‍थ्‍य बीमा करना और इसे लागू करना, खास तौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में, बहुत कठिन है। इन कामगारों को सामाजिक सुरक्षा देने की जरूरत पहचानते हुए केंद्र सरकार ने राष्‍ट्रीय स्‍वास्‍थ्‍य बीमा योजना (RSBY) आरंभ की है। 25 मार्च 2013 तक, योजना में 34,285,737 स्‍मार्ट कार्ड और 5,097,128 अस्‍पताल में भर्ती होने के मामले हैं।


आरएसबीवाय - योजना  ( राष्ट्रिय स्वास्थ्य बीमा योजना )
RSBY  श्रम एवं रोजगार मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) रहने वाले परिवारों को स्‍वास्‍थ्‍य बीमा कवरेज प्रदान करने हेतु आरंभ की गई है। आरएसबीवाय का उद्देश्‍य स्‍वास्‍थ्‍य आघातों से उत्‍पन्‍न वित्तीय देयताओं से गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों को सुरक्षा प्रदान करना है, जिसमें अस्‍पताल में भर्ती करना शामिल है।

योग्‍यताएंअसंगठित क्षेत्र के कामगार जो बीपीएल श्रेणी में आते हैं और उनके परिवार के सदस्‍य (पांच सदस्‍यों की परिवार इकाई) को योजना के तहत् लाभ मिलेंगे।

एजेंसियों की जिम्‍मदारी होगी कि वे असंगठित क्षेत्र के कामगारों और उनके परिवार के सदस्‍यों की योग्‍यता का सत्‍यापन करें, जिनके योजना के तहत् लाभ मिलने का प्रस्‍ताव आते है।
लाभार्थियों को पहचान के उद्देश्‍य के लिए स्‍मार्टकार्ड जारी किए जाएंगेा

लाभ :
असंगठित क्षेत्र के कामगारों  और उनके परिवारों  (पांच की इकाई) शामिल किए जाएंगे।
प्रति वर्ष प्रति परिवार लगभग 30,000 /- रूपये राशि के बराबर स्वास्थ्य सेवाएं लेने के हकदार होंगें 
सभी शामिल बीमारियों के लिए नकद रहित  सुविधा मिलेगी।
अस्‍पताल के व्‍यय, सभी सामान्‍य बीमारियों की देखभाल संभव हैं।
सभी पूर्व - मौजूद रोग शामिल किए जाएंगे।

अस्‍पताल को 30000/- रुपए तक के इलाज के लिए कोई भुगता नहीं करना होगा।

परिवहन लागत (प्रति विजिट अधिकतम 100 रुपए के साथ वास्‍तविक) के साथ 1000 रुपए की समग्र सीमा निर्धारित की गयी है ।
नकद रहित सेवा के मामले में रोगी को इलाज और अस्‍पताल में भर्ती कराने के लिए कोई राशि व्‍यय नहीं करनी होगी। यह अस्‍पताल का दायित्‍व है कि वह बीमा कर्ता से इसका दावा करें।

नामांकन प्रकिर्या :

बीमा कर्ता को पूर्व निर्दिष्‍ट डेटा फॉर्मेट का उपयोग करते हुए पात्र गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों की एक इलेक्‍ट्रॉनिक सूची दी जाती है। बीमा कंपनी द्वारा ति‍थि सहित प्रत्‍येक गांव के लिए एक नामांकन अनुसूची बनाई जाती है, जिसमें जिला स्‍तरीय अधिकारियों की सहायता ली जाती है। अनुसूची के अनुसार नामांकन से पहले प्रत्‍येक गांव के गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों की सूची नामांकन स्‍टेशन तथा प्रमुख स्‍थानों में लगाई जाएगी तथा गांव में नामांकन की‍ तिथि और स्‍थान का प्रचार पहले से किया जाएगा। प्रत्‍येक गांव में स्‍थानीय केंद्रों में चलनशील नामांकन स्‍टेशन बनाए जाते हैं (उदाहरण के लिए पब्लिक स्‍कूल)।

इन स्‍टेशनों पर बीमाकर्ता द्वारा शामिल परिवार के सदस्‍यों की बायोमेट्रिक जानकारी (अंगुलियों के निशान) प्राप्‍त करने और तस्‍वीर लेने के लिए आवश्‍यक हार्डवेयर तथा फोटो के साथ स्‍मार्ट कार्ड प्रिंट करने के लिए एक प्रिंटर उपलब्‍ध कराया जाता है। लाभार्थी द्वारा तीस रुपए का शुल्‍क देने के बाद और संबंधित अधिकारी द्वारा स्‍मार्ट कार्ड के अभिप्रमाणन के पश्‍चात् स्‍मार्ट कार्ड के सा‍थ योजना का विवरण और अस्‍पतालों की सूची सहित एक सूचना पेम्‍फ्लेट वाला उन्‍हें दिया जाता है। इस प्रक्रिया में सामान्‍य तौर पर 10 मिनट से कम का समय लगता है। कार्ड प्‍लास्टिक के कवर में दिया जाता है।


स्‍मार्ट कार्ड

स्‍मार्ट कार्ड अनेक गतिविधियों में इस्‍तेमाल किया जाता है, जैसे रोगी के बारे में तस्‍वीर और अंगुलियों के छापे के माध्‍यम से लाभार्थी की पहचान। स्‍मार्ट कार्ड का सबसे महत्‍वपूर्ण कार्य यह है कि इससे नामिकाबद्ध अस्‍पतालों में नकद रहित लेनदेन की सक्षमता मिलती है और ये लाभ पूरे देश में कहीं भी उठाए जा सकते हैं। अभिप्रमाणित स्‍मार्ट कार्ड नामांकन स्‍टेशन पर ही लाभार्थी को सौंप दिए जाएंगे। स्‍मार्ट कार्ड पर परिवार के मुखिया की तस्‍वीर को पहचान के प्रयोजन हेतु इस्‍तेमाल किया जा सकता है, यदि बायोमेट्रिक सूचना असफल रहती है।

 सरकारी हॉस्पिटल : हॉस्पिटल में बड़ी संख्‍या में लाभार्थियों को उपचार के लिए प्रोत्‍साहन दिया जाता है, उन्हें उपचार पाने वाले प्रति लाभार्थी के अनुसार भुगतान किया जाता है। यहां तक कि सार्वजनिक अस्‍पतालों को आरएसबीवाय के तहत् लाभार्थियों के उपचार के लिए प्रोत्‍साहन राशि दी जाती है, क्‍योंकि धन राशि बीमा कर्ता की ओर से सीधे संबंधित सार्वजनिक अस्‍पताल को दी जाती है। इसके विपरीत बीमा कर्ता धोखा धड़ी या अनावश्‍यक प्रक्रियाओं की रोकथाम के लिए भाग लेने वाले अस्‍पतालों की निगरानी करते हैं ताकि अनावश्‍यक दावों की रोकथाम की जा सके ।

नकद रहित और कागज रहित लेनदेन :
आरएसबीवाय के लाभार्थी को किसी नामित अस्‍पताल में नकद रहित लाभ मिलता है। उसे केवल अपना स्‍मार्ट कार्ड लेकर जाना होता है और उन्‍हें इलाज से संबंधित कोई कागजात बीमाकर्ता को भेजने की जरूरत नहीं होती है। वे बीमा कर्ता को ऑनलाइन दावे भेजते हैं।

Disclaimers: ऊपर दी गई जानकारी सरकारी वेबसाइट से ली गई है इसमें किसी भी तरह के बदलाव सरकार द्वारा समय समय पर किये जाने के कारण, उक्त जानकारी में थोड़ा बहुत चेंज/बदलाव संभव है,जिसके लिए हम जिम्मेदार नहीं हैं, लेटेस्ट/लाइव  जानकारी के लिए आपको सरकारी वेबसाइट पर जाना पड़ेगा।