Heat Stroke Reasons:
जिस तरह अत्यधिक ठण्ड में बिना गर्म कपड़ों के रहने पर ह्य्पोथर्मिया से शरीर के मुख्य अंग बंद होने लगते हैं जिससे दिमाग तक जाने वाली गर्मी को बढ़ाया जा सके और जीव की जान बच सके किन्तु यदि ह्य्पोथर्मिया लम्बा खिंच जाय तो जीव की मर्त्यु हो जाती है उसी तरह यदि कोई मनुष्य या जीव अत्यधिक गर्मी में बिना कपड़ों पानी और छाया के रहे तो उसके शरीर को ठंडा रखने व जीवन के लिए आवश्यक तरल पदार्थों में मौजूद पानी द्वारा शरीर को पसीने द्वारा ठंडा रखने की कोशिस करने लगता है और यदि ये पृकिर्या लम्बी हो जाती है तो मनुष्य के शरीर में पानी की तेजी से कमी होने लगती है, और उसका तापमान शरीर को जीवित रखने की स्थिति से अधिक हो जाता है, और चिकित्सा सुविधा न मिले तो जीवन बचाना मुश्किल हो जाता है. इस स्थिति को हाइपरथर्मिया कहते हैं.
क्यों होता है:
गर्मी के मौसम में तापमान बढ़ने के साथ साथ लू लगने या हीट स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है. लू लगने के सबसे प्रमुख लक्षण बेहोशी और भम्र के दौरे हैं. लू के पीड़ित पर अगर तुरंत ध्यान नहीं दिया जाए तो उसके आंतरिक अंग फेल होने, कोमा या मौत का खतरा होता है. लू दो तरह का होता है. एक्सट्रीम हीट स्ट्रोक अधिक गर्मी के कारण होता है जबकि नॉन एक्सट्रीम हीट स्ट्रोक का कारण उम्र या बीमारियां होती हैं. अपने शरीर के तापमान को ठीक से नियंत्रित नहीं कर पाने के कारण बुजुर्गों और बच्चों को लू का खतरा सबसे अधिक होता है.
गर्मी के मौसम में तापमान बढ़ने के साथ साथ लू लगने या हीट स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है. लू लगने के सबसे प्रमुख लक्षण बेहोशी और भम्र के दौरे हैं. लू के पीड़ित पर अगर तुरंत ध्यान नहीं दिया जाए तो उसके आंतरिक अंग फेल होने, कोमा या मौत का खतरा होता है. लू दो तरह का होता है. एक्सट्रीम हीट स्ट्रोक अधिक गर्मी के कारण होता है जबकि नॉन एक्सट्रीम हीट स्ट्रोक का कारण उम्र या बीमारियां होती हैं. अपने शरीर के तापमान को ठीक से नियंत्रित नहीं कर पाने के कारण बुजुर्गों और बच्चों को लू का खतरा सबसे अधिक होता है.
लू लगने के लक्षण किन्हें होता है लू का ज्यादा खतरा और कैसे कर सकते हैं
सबसे प्रमुख है लक्षण हैं 1-बॉडी का टेम्प्रेचर 40 डिग्री से उपर होना.
2- स्किन रेड व ड्राई या सुखी हो जाना.
3- सिर में तेज दर्द की शिकायत,
4- तेज और उखड़ी हुई सांसे, मसल्स में कमजोरी या ऐंठन
5- और वोमेटिंग लू लगने के सामान्य लक्षण हैं.
कुछ लोगों को लू लगने का खतरा ज्यादा होता है.
-इनमें ऐसे लोग जिन्हें शराब पीने की लत हो,
-जो पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं पीते हैं,
-जिन्हें हार्ट, किडनी की बीमारियां हों,
-ऐसी दवाओं का सेवन करने वाले जो बॉडी में तापमान को नियंत्रित करते हैं,
हीट स्ट्रोक से बचाव क्या है:
-गर्मी के मौसम में लू से बचने के लिए पानी या लस्सी को ज्यादा से ज्यादा लेना चाहिए.-धूप में बाहर जाने से बचना चाहिए.
-अगर बाहर जाना पड़े तो खुद को धूप से बचाने के लिए सिर ढककर या छाता लेकर जाना चाहिए.
-सन ग्लासेज और सन स्क्रीन क्रीम का उपयोग करना चाहिए.
इसके साथ ही कुछ घरेलू उपचार भी तत्काल राहत पहुंचा सकते हैं.
इसमें कच्चे आम का पना, इमली से तैयार पेय, एलोवेरा का जूस, नारियल पानी, छाछ, पुदीना और धनिया का जूस या प्याज का रस पीने से राहत मिलती है. आम के पना, प्याज के रस और चंदन को बॉडी पर लेप की तरह लगाने से भी आराम हो सकता है.